उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सशक्त भागीदारी की कोरोना से जंग में 

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Vivratidarpan.com देहरादून, दुश्मन कितना भी ताकतवर क्यों न हो, अगर आपके इरादों में दुश्मन के पैर उखाड़ फेंकने की हिम्मत है तो कोई जंग वह नही जो आप जीत नही सकते, कोई दुश्मन वह नही जो आपको हरा सके।।जंग में यही हुंकार भर जब सेनानायक सेना की कमान संभालता है तो हर जंग का सिपाही मुश्किल जंग को भी आसानी से जीत जाता है। इस दौरान घायल सिपाही को देख हौसले पस्त हो तो सेनानायक बाकियों को जोश से भर युद्ध की फतेह निश्चित करने को तत्पर रहता है और अंत मे अपनी सेना सहित जीत का सेहरा जरूर पहनता है।ऐसी ही जंग आज उत्तराखंड कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ रहा है जिसमे उत्तराखंड पुलिस के कांधे आम जनता की सुरक्षा का जिम्मा है तो सेनानायक बन उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार इस जंग में जीत को लगातार अपनी पुलिस टीम के साथ शहर सुरक्षा को आड़े हाथों लेते हुए हर मोर्चे पर मुस्तैदी बनाये हुए है तो अपने सिपाहियों की सुरक्षा को विभागीय टीम का बैकअप रख टीम का हौसला बनाये हुए है।
बतौर पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था रहते हुए वर्तमान पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पूर्व डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी के साथ कोरोना के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस की बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था के बदौलत जीत का जो स्वाद चखा था उसके हिसाब से कोरोना की दूसरी लहर उनके निर्देशन को कड़ी चुनौती का दौर लेकर आया है। अप्रैल माह से ही एकाएक कोरोना के मामलों में तेज़ी ने जहां आम आदमी को स्थिति भांपने का मौका तक नही दिया वहीं डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का जायज़ा लेकर फौरन सभी जिलों को अलर्ट मोड में डालने को मुस्तैद कर दिया। जिसमे प्रथम कदम के तौर पर उन्होंने बॉर्डर सुरक्षा को कड़ा कर कोरोना को बाहरी सीमा पर रोकने का सफल प्रयास किया,हालांकि राज्य वापिस लौटे प्रवासियों को प्रदेश में आने देने के चलते न चाहते हुए भी संक्रमण ने प्रदेश में पैर जमा ही लिए। जिसका अंदाज़ा डीजीपी को बेशक था,जिसके उपचार हेतु ही उनके द्वारा सभी जनपद प्रभारियों से तत्काल बैठक कर 112 राज्य इमरजेंसी कॉल सेन्टर, प्रत्येक जिले में कोविड कंट्रोल रूम को स्थापित करने को अपनी टीम को 24×7 तैयार रहने को निर्देश दे दिया। समूची पुलिस टीम के मुखिया के आदेश के बाद सभी जनपद पुलिस कर्मियों ने बेहतरीन सुरक्षा तंत्र के बीच अपने अपने क्षेत्रों को सुरक्षित छावनियों का भरसक प्रयास किया।
अप्रैल के मुताबिक मई में हालात खराब होते चले गए तो पुलिस टीम की चुनौतियां भी कम न थी।गत वर्ष कोरोना में जहां मात्र शहर में सुरक्षा का घेरा रखना ही पुलिस की चुनौती थी वहीं इस बार कोरोना जैसे बाहरी दुश्मन के साथ कालाबाज़ारी,जमाखोरों जैसी भीतरी चुनौतियां थी, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मरती जिंदगियों का मंजर हृदय विदारक था। अब पुलिस के लिए शहर में कोरोना प्रसार को जनता के बीच फैलने से रोकने के अलावा बिगड़ती लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था को दुरुस्त कर वापिस पटरी पर भी लाना था। डीजीपी का कार्यभार संभालते ही अशोक कुमार द्वारा ‘फर्ज में मानवता को हमेशा जिंदा रख ड्यूटी निभाने’ पर जो जोर दिया गया था उन्होंने एक बार फिर अपनी पुलिस टीम से ‘आज वही वक़्त है’ दोहराते हुए ‘मदद’ का मजबूत कंधों व इरादों के बूते आगाज़ किया। हर एक पुलिस कर्मी का यह हौसला ही था जिन्होंने सड़क पर व्यवस्था सम्भाली तो जान बचाने को अपना प्लाज्मा देने से भी कदम पीछे न किये।

पुलिस कर्मियों की सेवा व सुरक्षा यहीं तक सीमित न रही जब उन्होंने पुलिस की मदद को विस्तृत ढांचे में ढाल आम जनता को ‘मिशन हौसले’ के बूते भोजन सहित स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ के लिए भी ‘पुलिस आपके साथ’ जोड़ दिया। जिसके लिए उन्होंने सभी जनपदो में कोविड कंट्रोल रूम ,पीएसी वाहिनी कंट्रोल रूम,सहित 160 थानों को हर कॉल पर मदद के लिए तैयार रहने को आदेशित कर दिया। थानों के फ़ोन नंबर सहित व्हाट्सएप्प हर जरिये से मदद का हाथ आगे कर दिया।दूसरी लहर में सबसे ज़्यादा प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों की पुलिस के लिए चुनौतियां का द्वार दूर दराज गांव तक ले जाता था जिसपर पुलिस टीम ने सहर्ष, बिन शिकन के उन क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों को भोजन सहित स्वास्थ्य लाभ सामान वितरित किया।इस विपदा ने पुनः वह हालात भी दिखाए जहां अपने अपनो को कंधा देने को तैयार न थे तब उस दौर में भी पुलिस कर्मियों ने बिन रिश्ते नाते अपनो के होते हुए लावारिश बन चुकी लाशों को मुखाग्नि दी मानवता की बेजोड़ मिशाल पेश की। जरूरतमंद के एक कॉल पर पुलिस टीम ने घरों में दवाई तो अस्पताल में खुद के कंधों पर ऑक्सीजन सिलिंडर भी पहुँचाया।कोरोना से जंग में पुलिस कर्मी जहां संक्रमण की मार झेल रहे है वहीं पिछले कोरोना काल से अभी तक 10 पुलिस कर्मियों ने अपना बलिदान देकर आम जनता को सुरक्षा प्रदान करने में अहम योगदान दिया।