उत्तराखंड के 82 फीसद पी0सी0एस0 अधिकारियों ने नहीं दिया अचल सम्पत्ति विवरण

 | 
uttarakhand

Vivratidarpan.com काशीपुर।  प्रदेश में पादर्शिता तथा भ्रष्टाचार नियंत्रण के कितने ही दावे किये जाये लेकिन प्रदेश की नौकरशाही में बैठे अधिकारी ही पारदर्शिता व भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिये लागू किये गये नियमो का पालन नहीं कर रहे है। इसका खुलासा कार्मिक विभाग द्वारा पी0सी0एस0 अधिकारियों द्वारा वर्ष 2020 के वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण देने वाले अधिकारियो की सूचना, सूचना अधिकार कार्यककर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को उपलब्ध कराने से हुआ। इसके अनुसार कुल 151 पी0सी0एस0 अधिकारियों में  से केवल 38 पफीसद 57 अधिकारियो ने ही 2020 का वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण दिया है जिसमें से केवल 27 अधिकारियों ने ही निर्धारित समय सीमा अगस्त 2020 तक दिया है जबकि 30 अधिकारियो ने इस  समय सीमा के बाद देरी से दिया है तथा 62 फीसदी 94 अधिकारियों ने दिया ही नहीं है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड शासन के कार्मिक विभाग के लोक सूचना अधिकारी से वार्षिक सम्पत्ति विवरण देने व न देने वाले अधिकारियों तथा सम्बन्धित नियमो की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में कार्मिक विभाग के लोक सूचना अधिकारी/अनुसचिव हनुमान प्रसाद तिवारी ने नदीम को अचल सम्पत्ति विवरण देने वाले पी0सी0एस0 अधिकारियो की सूची अपने पत्रांक 8 (1) दिनांक 15 अर्प्रैल से उपलब्ध करायी है। 
उपलब्ध सूचना के अनुसार प्रदेश में कुल 151 पी0सी0एस0 अधिकारी कार्यरत है। इसमें से केवल 57 पीसी0एस0 अधिकारियों ने अपना 2020 का वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरण प्रस्तुत किया है। इसमें से केवल 27 अधिकारियो ने ही शासनादेश संख्या 408 दिनांक 21 अगस्त 2014 से निर्धारित समय सीमा 31 अगस्त तक उपलब्ध कराया है। 
अगस्त 2020 तक समय सीमा के अन्दर सम्पत्ति विवरण उपलब्ध कराने वाले 27 पी0सी0एस0 अधिकारियों में आलोक कुमार पांडेय, आशोक कुमार पाण्डेय, अवधेश कुमार सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, डा0 अभिषेक त्रिपाठी, डा0 आनन्द श्रीवास्तव, डा0 ललित एन0 मिश्रा, गौरव चटवाल, हेमन्त कुमार वर्मा, जगदीश सी0 कान्डपाल, कृष्णनाथ गोस्वामी, मनीष कुमार सिंह, मौहम्मद नासिर, मोहन सिंह बर्निया, मुक्ता मिश्रा, निर्मला बिष्ट, प्रत्युष सिंह, परीतोष वर्मा, प्रकाश चन्द्र, राकेश चन्द्र तिवारी, रामजी शरण शर्मा, रिंकू बिष्ट, शैलेन्द्र सिंह नेगी, शिप्रा जोशी, सोनिया पन्त, त्रिलोक सिंह मारतोलिया व विप्रा द्विवेदी शामिल है।
समय सीमा के कुछ बाद सितम्बर 2020 में सम्पत्ति विवरण देने वाले 9 अधिकारियों में अनिल कुमार चनयाल, अरविन्द कुमार पाण्डेय, हंसादत्त पाण्डेय, जय भारत सिंह, जीवन सिंह नगन्याल, झरना कमठान, कमलेश मेहता, मीनाक्षी पठवाल तथा नुपूर वर्मा शामिल है। 
अक्टूबर 2020 में देरी से सम्पत्ति विवरण देने वाले 5 अधिकारियों में अब्ज प्रसाद बाजपेयी, फिंचाराम चौहान, सुधीर कुमार, वीर सिंह बुदियाल तथा विवेक राय शामिल है। नवम्बर 2020 में सम्पत्ति विवरण देने वाले दो अधिकारियों में अनुराग आर्य व बुसरा अंसारी शामिल है। दिसम्बर 2020 में सम्पत्ति विवरण देने वाले अधिकारी में वैभव गुप्ता शामिल है। वर्ष 2020 का सम्पत्ति विवरण 4 माह या अधिक की देरी से 2021 में देने वाले 13 अधिकारियों में जनवरी में देने वाले हर गिरी व सुन्दर लाल सेमवाल शामिल है।     
फरवरी 2021 में सम्पत्ति विवरण देने वाले दो अधिकारियों में बंशीलाल राणा व हरवीर सिंह शामिल है। मार्च 2021 में सम्पत्ति विवरण देने वाले 7 अधिकारियों में गोपाल राम बिनवाल, पंकज उपाध्याय, शालिनी नेगी, कुसुम चौहान, लक्ष्मीराज चौहान, विजयनाथ शुक्ल तथा सीमा विश्वकर्मा शामिल है। अप्रैल 2021 में सम्पत्ति विवरण देने वाले दो अधिकारियों में प्रताप शाह व कैलाश टोलिया शामिल है।