हाईकोर्ट ने राज्य, केंद्र और केंद्रीय चुनाव आयोग से पूछा क्या स्थगित हों सकते है चुनाव ?

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Vivratidarpan.com नैनीताल -  हाईकोर्ट मे डाली गई एक याचिका पर कोर्ट ने राज्य केन्द्र तॆथा निर्वाचन आयोंग से पूछा है क्या कोरोना को देखते हुवे चुनाव स्थगित हों सकते है। सूत्रों के अनुसार सच्चिदानंद डबराल ने न्यायालय को एक प्रार्थना पत्र भी दिया था , जिसमें कहा गया था कि भारत में स्वास्थ्य सेवाएं काफी कमजोर है और उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा और भी कमजोर है उत्तराखंड में केवल एक एम्स है और 12 जिला चिकित्सालय है। ऐसे में राज्य को संक्रमण से बचाना सबका दायित्व है। साथ ही में याचिका में यह भी लिखा गया था कि कोरोना के नए वेरिएंट की फैलने की क्षमता पिछले वेरिएंट से 318 गुना तेज है। तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि 1000 जनसंख्या पर एक डॉक्टर का होना बेहद जरूरी है मगर भारत में 1456 जनसंख्या को एक डॉक्टर उपलब्ध है और उत्तराखंड में तो हालात और भी बुरे हैं यहां पर 7911 लोगों पर एक चिकित्सक उपलब्ध है और राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं काफी कमजोर है। यहां पर स्वास्थ्य अधिकारियों का भी काफी अभाव है।

आयोजनों के दौरान ना कोई कोविड संबंधी गाइडलाइन का पालन कर रहा है याचिकाकर्ता ने कहा है कि यदि राज्य में इन हालातों मे चुनाव हुए तो संक्रमण फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाएगा इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को कुछ समय के लिए स्थगित कर देने चाहिए। तथा चुनावी दलों को ऑनलाइन और वर्चुअल रैलियों और जनसभाओं का आयोजन करना चाहिए। उच्च न्यायालय में दी गई इस याचिका के संबंध में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा एवं न्यायमूर्ति एनएस धनिक की युगलपीठ में आज दिनांक 29 दिसंबर 2021 को बुधवार के दिन सुनवाई करते हुवे इस संबंध में न्यायालय ने राज्य और केंद्र सरकार के अलावा केंद्रीय चुनाव आयोग को भी आगामी सोमवार तक जवाब देने को कहा