समय भयंकर  = डॉ रश्मि दुबे

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बाधाओं  को  पथ  की सारी  पार कर ,

दु:ख के भूखंडों पर एक दिन वार कर ।

लुप्त  गगन  में  चांद  ढूंढ कर लाएगा ,

याद सभी को सदियों तक वो आएगा ।।

लिए  उत्साह  अरु  उमंग  मन  में बड़ी ,

राहों  में मुश्किल कितनी भी हों खड़ी ।

चुन-चुन कर खुशियां जो जो भी पाएगा,

याद सभी को सदियों तक वो आयेगा ।।

देख  रही  दुनिया आशा अरु प्यार से ,

कौन  बचाएगा  धरती  को  मार  से ।

इक दिन कष्ट सभी के जो हर जाएगा ,

याद सभी को सदियों तक वह आएगा ।।

समय भयंकर  रूप  धरे  तांडव  करे,

पृथ्वी का कण-कण वायु तक से डरे ।

बनकर  पुष्प  अधर सबके मुस्काएगा ,

याद सभी को सदियों तक वो आएगा ।।

= डॉ रश्मि दुबे,  गाजियाबाद