नए साल में - स्वर्णलता सोन
Jan 8, 2022, 22:45 IST
| नए साल में है नया क्या भला सा।
कहीं कोई आशा का दीपक जला सा।
कभी आ ही जाए किरण रौशनी की।
उपवन में महके सारंग खिला सा।
हटे धुंध संकट की अब इस जहाँ से,
चमकता सा सूरज उगे उजला सा।।
कभी खत्म होगी करोना बीमारी,
कभी कुछ ही हो ले अब तो भला सा।।
डरे से अभी तक तो सब थे घरों में,
वो गलियों में घूमे कोई मन चला सा।
नया साल लाये उम्मीदें नई सी ,
दिखे हर जगह कोई चेहरा खिला सा।।
स्वर्ण हर जगह एक स्वर्णिम सहर हो।
नए साल हो इक़ नया सिलसिला सा।।
- स्वर्णलता सोन, दिल्ली