गीत - अनिरुद्ध कुमार

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हर शख्सियत में जान है, सूरत अलग पहचान है।
क्या जिंदगी की शान है, सब देखते भगवान है।।
               नायाब हर इंसान है, 
               हीरा नुमा ईमान है।
               गोरा कहीं काला कहीं,
               दिल में छुपा अरमान है।
सुख-दुख जुबां पर गान है, रखते सबों का ध्यान है।
क्या जिंदगी की शान है, सब देखते भगवान है।।
               रहने का अलग ढ़ंग है,
               जग देख करके दंग है।
               मिलके मनाते है खुशी,
               जीवन में क्या उमंग है।
घुल-मिल रहें, क्या आन है, सबके दिलों में मान है।
क्या जिंदगी की शान है, सब देखते भगवान है।।
               लब गीत गाये प्यार के, 
               सब काम आये यार के।
               नित काम में रहते सभी, 
               बैठे कभी ना हार के। 
सबका धरा पर नाम है, मिल्लत जुबां पे गान है।
क्या जिंदगी की शान है, सब देखते भगवान है।।
               सब चाहते जीना यहाँ
               सब बोलते सुंदर जहाँ।
               उनकी रहे सब पर कृपा, 
               चलता रहे यह कारवाँ।
हर होठ पर, मुस्कान है, लगता मिला बरदान है।
क्या जिंदगी की शान है, सब देखते भगवान है।।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड