कुर्बानी -  मधु शुक्ला

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प्राणों की कुर्बानी देकर, रखें सुरक्षित देश।

कर्म वीर कहलाते सैनिक, झुकते सभी नरेश।

दुश्मन कांपें थर-थर जिनसे, ऐसे फौजी वीर।

मातृभूमि की सेवा करते, दूर करें हर क्लेश।

नहीं शहादत से वे डरते, रहें सदा तैयार।

झुकने देते नहीं पताका, धरते शहीद का वेश।

जन गण मन आहत होता है, जब देते बलिदान।

देकर के कुर्बानी फौजी, बन जाते हृदयेश।

रिश्ते नातों से ज्यादा हम, करें वतन से प्यार।

हर सैनिक कुर्बानी देकर, करता मिशाल पेश।।

- मधु शुक्ला . आकाश गंगा नगर. सतना (मध्यप्रदेश)