प्रदूषण का संकट - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
Dec 19, 2021, 20:39 IST
| भारी संकट आन पड़ा है,
धरती कौन बचायेगा।
मानवता का नाम निशां तक,
पृथ्वी से मिट जायेगा।1
बढ़ा प्रदूषण धरती पर यूं,
जनता सारी त्रस्त हुई।
महामारियां जन्म ले रहीं,
मानव क्या बच पायेगा।2
नंगी होती धरा नित्यप्रति,
पर्वत जंगल का हो विनाश।
खातिर आने वाली पीढ़ी ,
पादप कौन लगायेगा।3
ग्रसित दिशाएँ धूल गर्द से,
लेना सांस हुआ भारी।
पीकर रोज विषैली गैसें,
कैसे स्वास्थ्य बनायेगा।4
बन अज्ञानी नाश कर रहे,
भूमंडल की थाती को।
पर्यावरण बचाएं कैसे,
आखिर कौन बतायेगा।5
जिधर नज़र जाती है दिखता,
ढेर प्लास्टिक कचरे का।
युग युग तक नष्ट नहीं होगा,
कैसे मुक्ति दिलायेगा।6
"कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, उत्तर प्रदेश