पथिक = ममता जोशी
Aug 21, 2021, 23:18 IST
| पथ भूल न जाना,
पथिक कहीं ।
पथ पर चलना ,
मुश्किल ही सही ।
मंजिल तुमे मिलेगी कहीँ ।।
पथ पर कांटे तो होगे ही,
दुरवादल सरित सर होगे ।
सुन्दर गिरि वन भी होगे ,
सुन्दरता की मृगतृष्णा में ।
पथ भूल न जाना पथिक कहीँ ।।
अपने भी पराये हो जायेगे ,
आंखो के आगे आयेंगे ।
पग-पग पर अकेला चलना है,
तब अपने एकाकीपन में ।
पथ भूल न जाना पथिक कहीँ ।।
पथ पे चलते-चलते थक जायेगे ,
मदद के लिए कोई आयेंगे ।
अपने पन के चक्कर में,
पथ भूल न जाना पथिक कहीँ ।।
= ममता जोशी, प्रताप नगर, टिहरी गढ़वाल