मां विद्या विनय दायिनी - कालिका प्रसाद

 | 
pic

वर दे मां  सरस्वती  वर दे,

इतना सा वर मां मुझको देना,

कंठ स्वर मृदुल हो, तेरा ही गुणगान करु,

सभी  का  मैं   मां आशीष पाऊं,

सब के लिए मां मैं  मंगल गीत गाऊं,

 हे मां   विद्या  विनय   दायिनी।

दीन दुखियों की मैं सेवा करुं,

प्रेम सबसे करुं  छोटा या बड़ा हो,

दृढ़ता से  कर्तव्य का मैं पालन करुं,

हाथ  जोड़ कर मैं नित तेरी वंदना करुं,

बस नित यही अर्चना मां तुम से करु,

 हे  मां  विद्या  विनय दायिनी।

 हे मां   सरस्वती   स्वर दायिनी,

दे  ज्ञान मां  विमल   ज्ञानेश्वरी ,

तुम  हमेशा  सद् मार्ग बता मातेश्वरी,

तेरी कृपा सभी पर रहे मां परमेश्वरी,

मां  भारती की स्तुति नित करता रहूं,

बस यही  भाव जन-जन को देना।

- कालिका प्रसाद सेमवाल,

मानस सदन, अपर बाजार,

रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड,