शहीद राकेश डोभाल = जया भराड़े बड़ोदकर

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एक माँ का लाल था,

 हौसले ये जिसके बुलंद,

खेलता दुशमन गोली से था

माँ से देश की गाथाएँ,

बड़े शौक़  से सुनता था,

बचपन देहात में गुजरा  था,

भाई बहनो संग  मिलनसार था,

स्कूल में शिक्षक का,

दिलो जान से सम्मान करता था,

अपना पराया जाना कभी,

देश प्रेम में ओतप्रेम था,

देश सीमा प्रहरी बन गया था अब ,

शहीद वो सपूत भारत माँ का लाल बन गया,

माँ बाप का क्या देशवासियों का भी,

हर एक दिन लाडला बन गया था

= जया भराड़े बड़ोदकर, नवी मुंबई