मंगलमाया छंद — मधु शुक्ला
Dec 27, 2021, 21:47 IST
| गठबंधन सत्कार, तुम्हारी आँखों में,
नव जीवन से प्यार, तुम्हारी आँखों में।
अपनेपन के साथ, सँवारें घर आँगन,
रहे सदा मनुहार, तुम्हारी आँखों में।
सहकर नित अपमान, जियें हँसते हँसते,
धीरज की भरमार, तुम्हारी आँखों में।
आदर, सेवा, त्याग, क्षमा करुणा ममता,
धन सच्चा परिवार, तुम्हारी आँखों में।
संस्कारों का मान, वचन पितु माता के,
स्वाभिमान का भार, तुम्हारी आँखों में।
शिक्षा का संदेश, विनय की परिभाषा,
कुरीतियों से रार, तुम्हारी आँखों में।
कर्तव्यों का बोध, प्रगति की अभिलाषा,
अधिकारों का क्षार, तुम्हारी आँखों में।
— मधु शुक्ला .आकाश गंगा नगर,
सतना , मध्यप्रदेश