कुंडलिया- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
Jan 10, 2022, 23:49 IST
| मौसम भी अटखेलियाँ, करता रहता रोज।
कभी चमकती धूप हो, कभी रहे हम खोज।
कभी रहे हम खोज, खेल खेले वो हमसे।
गर्माहट को लोग, ढूँढते फिरते कब से।
कुहरा अति घनघोर, हुई बारिश बेमौसम।
काँपे हड्डी-पोर, आज सिहराता मौसम।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, उत्तर प्रदेश