अभी जिंदा हैं - दीपक राही
Jan 13, 2022, 23:53 IST
| अभी मरे नहीं जिंदा है,
कुछ पल ही तो ठहरे हैं,
हालातों से ही शर्मिंदा है,
अभी मरे नहीं जिंदा है।
अभी नहीं छोड़ी उम्मीदें,
ना छोड़ पाए वह विचार,
फिर भी खुद को जिंदा रखा हैं,
अभी मरे नहीं जिंदा है।
जिसका देखा था सपना,
वह काम अभी अधूरा है,
उन ख़्वाबों का शबाब जिंदा हैं,
अभी मरे नहीं जिंदा है।
वह दौर भी गुजर गया,
यह भी गुजर जाएगा,
यहां कौन उतार नकाब बताएगा,
अभी मरे नहीं जिंदा है।
देख मिट्टी का रंग लाल,
कौन माथे पर तिलक लगा,
हक सच की बात बताएगा,
अभी मरे नहीं जिंदा है।
अरमानों के पंख लगा,
कौन सबको दिशा दिखाएगा,
खुद कांटों पर चल, दुसरो को
राह दिखलाएगा...
- दीपक राही, जम्मू-कश्मीर