मुझसे न हो पायेगा - आशा पराशर
Sep 13, 2021, 10:11 IST
| उसने मुझे समझाया,
मुझे आईना दिखाया।
अपने गम में उठे भाव रोक लो,
आँखों में मचलते दरिया सोख लो।
ये दुनिया बहुत संगे-दिल है,
किसी के लिए न रहम दिल है।
अपना बनकर अपना ही रुलाएगा,
मैं समझ न पाई उसकी बातें,
क्या तुझसे भी बंद कर दूँ मुलाकातेँ।
तुम भी तो मेरे अपने हो,
अपनों से कोई कैसे दूर जायेगा,
नहीं,,,,,,नहीं !
मुझसे ये नहीं हो पायेगा।
- आशा पराशर , जयपुर (राजस्थान)