मुझसे न हो पायेगा - आशा पराशर ​​​​​​​

 | 
pic

उसने मुझे समझाया,

मुझे आईना दिखाया।

अपने गम में उठे भाव रोक लो,

आँखों में मचलते दरिया सोख लो।

ये दुनिया बहुत संगे-दिल है,

किसी के लिए न रहम दिल है।

अपना बनकर अपना ही रुलाएगा,

मैं समझ न पाई उसकी बातें,

क्या तुझसे भी बंद कर दूँ मुलाकातेँ। 

तुम भी तो मेरे अपने हो,

अपनों से कोई कैसे दूर जायेगा,

नहीं,,,,,,नहीं !

मुझसे ये नहीं हो पायेगा।

- आशा पराशर , जयपुर (राजस्थान)