मैंने तुझसे प्यार कर लिया - अनुराधा पांडेय

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छायावादी गीत लिखूँ क्या,

सीधे-सीधे कह देती हूँ

हृदय तुझी पर हार गयी मैं,

मैंने तुझसे प्यार कर लिया

ज्ञात नहीं प्रिय ! कब आयेगी,

मधुऋतु लेकर मिलन यामिनी

या मैं तेरी बनी रहूँगी,

परिरंभन की सतत कामिनी ?

किस क्षण जाने जायेगी,

चुपके पतझर में मधुमासी---

अब तू चाहे जब भी आये,

मैंने तो श्रृंगार कर लिया

हृदय तुझी पर हार गयी मैं,--

मैंने तुझसे प्यार कर लिया

- अनुराधा पांडेय , द्वारिका , दिल्ली