ग़ज़ल  = रोहित "राकेश"

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जंग जारी है,ये जारी ही रहेगी,

जीत प्यारी तो हमारी ही रहेगी।

हौसला हमने कभी हारा नहीं है,

हमसे बीमारी ये हारी ही रहेगी ।

हो निरोगी हर कोई इंसां यहाँ पर,

ऐसी चाहत यह हमारी ही रहेगी।

सामने बैठा है दुश्मन जो हमारा,

उसपे अपनी चोट भारी ही रहेगी।

जंग कोरोना से लड़ना है अगर तो,

बच के रहना होशियारी ही रहेगी ।

सावधानी से गर हम सब चले तो,

कामयाबी कल हमारी ही रहेगी।

= रोहित "राकेश"बरेली (उत्तर प्रदेश)