गजल - ऋतु गुलाटी
Jan 10, 2022, 23:47 IST
| दिल के अरमां दिल मे हाय रह गये।
वफा करते रहे,बेवफा हमे कह गये।
सूनी जिंदगी थी मेरी वो तेरे बिना।
प्यार के किस्से अब अधूरे रह गये।
करते रहे वो मुझ पे हरदम सितम।
हर सितम कुछ सोच कर सह गये।
मिटा दिया वजूद मैने तेरे प्यार में,
फांसले फिर भी दरमिया रह गये।।
संग थे तुम मेरे हरदम जान बनकर।
फिर क्यो ? ऋतु को तन्हा कह गये।।
- रीतूगुलाटी. ऋतंभरा, चंडीगढ़ मोहाली