गज़ल = किरण मिश्रा
Jun 24, 2021, 21:53 IST
| इश्क़ के नाम हो गयी हूँ ,
सुनहली शाम हो गयी हूँ !
चाँद तेरी इक झलक पा,
गुल से गुलफाम हो गयी हूँ !
तेरे तस्सवुर....में डूब कर,
छलकता ज़ाम हो गयी हूँ !
जीने की हर अदा तुझसे,
खुशियां तमाम हो गयी हूँ !
अहसासों ने ली अंगडाई ,
सुकूने-एहतराम हो गयी हूँ !
झुकाई इबादत में नज़रें,
कुबूले-सलाम हो गयी हूँ !!
रंग जीस्त तेरे रंग #किरन",
खुशबु-ए-किमाम हो गयी हूँ !
= किरण मिश्रा #स्वयंसिद्धा , नोएडा