ग़ज़ल - डा० नीलिमा मिश्रा
Jan 11, 2022, 23:41 IST
| हिन्दी भाषा विश्व में सम्मान पाएगी।
भारती का मान दुनिया में बढ़ाएगी ।।
शब्द की गंगा में जब गोता लगाएगी ।
लेखनी कविता कहानी गीत गाएगी ।।
सूर , मीरा , जायसी, रसखान वो बनकर ।
कृष्ण- राधा प्रेम की लीला रचाएगी ।।
संस्कृत की गोद में पलकर बढ़ी हिन्दी ।
छंद दोहा साखियाँ सबको सिखाएगी ।।
देश की रक्षा की ख़ातिर जान दी जिसने ।
उन शहीदों की अमर गाथा सुनाएगी ।।
वेद की वाणी गुरूवाणी के शब्दों को ।
भोर की पहली किरण के साथ गाएगी ।।
राम के हर त्याग की हर इक निशानी को।
बन के रामायण अवध में गूँज जाएगी ।।
सभ्यता-संस्कृति समूचे विश्व की बातें ।
लिख नवल इतिहास दुनिया को पढ़ाएगी ।।
शारदे माँ लेखनी में प्राण तुम भर दो ।
नीलिमा हिंदी की गंगा में नहाएगी ।।
- डा० नीलिमा मिश्रा, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश