ग़ज़ल - अनिरुद्ध कुमार
Jan 3, 2022, 23:16 IST
| नजरिया नया है नजारा नया है,
लगे आजकल देश सारा नया है।
बता कौन सुनता करे बेवफाई,
कहें हमवतन पर इशारा नया है।
भरोसा किसी पर कहाँ कौन करता,
नजर बोलती मुल्क यारा नया है।
सभी जी रहे मानते सब जुदा है,
जिये जा रहे हर इजारा नया है।
बने रहनुमा सब दिखाते सबेरा,
कहें चाँद तारा सितारा नया है।
हमारी कमाई उड़ाते मजे से,
सदा वो जताते पसारा नया है।
बुरा हाल'अनि' का गजब ये तमाशा,
गरीबी वहीं शिर्फ़ नारा नया है।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड