विधा :- कुण्डलिया - अनिरुद्ध कुमार
Jan 5, 2022, 21:47 IST
| सच्चाई मुश्किल लगे, कठिन बड़ी ये राह।
पगपग पर काँटे बिछे, मुख से निकले आह।
मुख से निकले आह, नहीं है लेखा जोखा।
देखो समाजवाद, दे रहे सबको धोखा।
सोंचे आज जहान, सभी लगते हरजाई।
बनते सभी महान, हाय रोती सच्चाई।।
अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड