गीतिका (वास्त्रग्विणी छंद) - मधु शुक्ला
Dec 22, 2021, 23:23 IST
| हम सभी को हवा पालती प्यार से,
मित्रता यह रखे पूर्ण संसार से।
दायिनी प्राण की मात सम यह लगे,
जन्म देती हमें नेह आधार से।
डांट फटकार अरु नेह बाँटे हवा,
क्यों कि चाहे नहीं हम मिलें हार से।
स्वच्छता हम रखें कामना यह करे,
माँ अधिक ही रखे नेह परिवार से।
बात मानें सभी सीख धारण करें,
बँध सके जीव हर नेह के तार से।
- मधु शुक्ला. सतना , मध्यप्रदेश .