गौ राष्ट्र की भाग्य विधाता,
गौ है राष्ट्र का प्राण,
गौ राष्ट्र की मान बिन्दु है,
गौ ही हिन्दु की पहचान।
गौ का दूध अमृत समान है,
गौ ही पंचगव्य की खान,
गौ ईश्वर की अनमोल कृति,
गौ ही धनलक्ष्मी की खान।
गौ ही तो करुणामयी माता,
गौ से ही तो जिन्दा है इन्सान,
गौ के दर्शन से ही जग जाता,
हिन्दुओं का स्वाभिमान।
गौ माता मंगलमूर्ति है,
गौ ही जगत कल्याणी ,
गौ पालन गौ संरक्षण से ही,
होगा समृद्ध भारत वर्ष ।
हिन्दुओं के इस देश में,
गौवंश क्यों मिट रहा ,
अब भी सावधान हो जाओ,
गौ माता और वंश बचा लो।
- कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार, रुद्रप्रयाग