दोहा - अनिरुद्ध कुमार

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जाने वाला जा रहा, मत कर व्यर्थ मलाल।

भावुक` होकर बोलते, जाने को यह साल।।

बीते की सुधि का करे, देखा, जाना, हाल।

आना जाना नित लगा, इसमें कौन कमाल।।

सेहत को चित में धरो, जिंदगी का सवाल।

आने वाला आ रहा, उसका रक्खो ख्याल।।

पलपल बीता जा रहा, चारो तरफ धमाल।

आनंदित धरती गगन, शुभ शुभ बीते साल।।

कश्ती को साहिल मिले, जीवन हो खुशहाल।

सुमंगल मनोकामना, स्वागत हे नव साल।।

- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड