दीपावली - झरना माथुर 

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ऊजालो का उत्सव है, दीवाली की बात तो कर,

दीपावली का आनंद है, दीपो की बारात तो कर।

माना अन्धेरा जरा गहरा है, तारों से रोशन जहां  ,

गर चाहत हूँ तेरी, मुझसे  तू मुलाकात तो कर।

ये लक्ष्मी पूजन अवसर है, काली यम साथ में है,

हर घर हो रौनक, मन में ऐसे जज्बात तो कर।

माटी का वो दीया जो मिटकर, रोशनी दे रहा है,

उसकी तरह तू रौशन होने की शुरुआत तो कर।

कितनी खूबसूरत शब है, शोला शबनम साथ है,

इस अँधेरी रात को एक बार हंसीं रात तो कर।

अगरचे है गमजदा ज़िंदगी तेरी, तो क्या हुआ,

न हो तू परेशां, झरना से एक बार बात तो कर।

- झरना माथुर, देहरादून , उत्तराखंड