कलियाँ खिलीं = शिवम अन्तापुरिया
May 22, 2021, 23:09 IST
| अब नमी मेरे दिल में,
जगह ले चुकी है,
दिल की कली पंखुड़ी,
खिल चुकी है।
दिल टूट कर कलियाँ,
बिखर सी चुकी हैं,
बिन प्यार के जिंदगी,
सूनी सी लग रही है।
धड़कने मेरे दिल की,
मोहब्बत का सफ़र कर,
रहीं हैं अब चले आओ,
तुम तुम्हारे बिना,
धड़कने रूक रही हैं।
~ शिवम अन्तापुरिया
कानपुर, उत्तर प्रदेश