बीर तुम प्राण हो
Jan 9, 2022, 23:26 IST
| बीर बढ़, राह चल।
धीर धर, ना मचल।
मौत से, जा भिड़ो।
सामने, जा लड़ो।
लक्ष का, ध्यान धर।
बेफ़िकर, युद्ध कर।
सोंच ना, प्राण हर।
याद रख, यह समर।
दूध का, लाज रख।
देश का, ताज रख।
रात दिन, आरती।
बोलती, भारती।
जिंदगी, बंदगी।
प्यार में, सादगी।
गीत गा, झूम जा।
माँ चरण, चूम जा।
होठ पर, हो हँसी।
हर तरफ, हो खुशी।
मान हो, जान हो।
बीर तुम, प्राण हो।
अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड