बांके बिहारी = ज्योत्स्ना रतूड़ी

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बांके बिहारी मेरे नित करूं तेरा *वंदन* ,

है मेरा आधार तू,, तू ही मेरा अवलंबन।

रखना सदा कृपादृष्टि मुझ पर अपनी,

करूं मैं सब प्राणियों में तेरा ही दर्शन।

करूँ नित भोर में,  मैं श्रृंगार तेरा,

लगाऊं मस्तक पर *चंदन* तू संबल मेरा,

देना अपनी भक्ति मुझे मेरे दीनानाथ,

करना मेरे जीवन में तू सदा सवेरा।

मेरे परमेश्वर हृदय से करूं तेरा अभिनंदन,

सौंपी जीवन डोर तुझे निभाना यह *बंधन* ।

सर्वस्व तुम हो जीवन के मेरे दातार,

करूं में शीश झुका कर तुझे हृदय से नमन।

= ज्योत्स्ना रतूड़ी *ज्योति , उत्तरकाशी, उत्तराखंड