युग राकेट - सुमी लोहानी
Updated: Oct 9, 2021, 23:51 IST
आधुनिक देश,
गुम रहा है यश,
मार्डन जीवन रेस,
हिपहाप ड्रेस,
नवरंगी केश,
खिचडी भाषा भेष,
च्याट मे भेट
नेट मे डेट,
क्यों करें लेट,
जल्दी मे मामला सेट,
शिशु पले क्रेज,
बुजुर्ग (वृद्ध) लोग आउट आँफ डेट,
जरुरी मैसेज एस.एम.एस,.
सिरियल से परिवार मे क्लेश,
बढ रहा है एक दूजे के प्रति द्वेष,
मुश्किल है स्वजन से होना भेट,
जनता के धन से नेता चढे जेट,
पहुँचते है सभी,
वक्त से दो-चार घण्टे लेट,
देश के प्रति चिन्ता नही है लेश,
दो प्लस दो पाँच ना करे तो,
खुलता नही लक का गेट,
द्रौपदी की चीर जैसी बजेट,
आकाश चूमे मार्केट रेट,
नही भरता आधा पेट,
खाली है हरदम पाकेट,
खुशी कहाँ है शेष ?
भागदौड मे ही साँस चेट,
अमूल्य जिन्दगी काल की भेट,
ऐसा ही है युग राकेट,
ऐसा ही है युग राकेट !
- सुमी लोहानी, काठमांडू , नेपाल