कहाँ फरियाद करे = अनिरुद्ध कुमार
देवदूत सब छिपकर बैठे, आभासी संवाद करे।
जनता छाती पीट रही है, बोल कहाँ फरियाद करे?
तौल कौन है किसका भाई,
बात बात में रोज लड़ाई,
यहाँ लगाई, वहाँ बुझाई,
कूटनीति को समझो भाई।
अपना उल्लू साध रहे सब, कोई ना अब याद करे।
जनता छाती पीट रही है, बोल कहाँ फरियाद करे?
बीमारी आफत बन आई,
जीना, मरना राम दुहाई,
उपर से भीषण मंहगाई,
जनता पर तो शामत आई।
कुंठित मन से माला फेरे, हे भगवन आबाद करे।
जनता छाती पीट रही है, बोल कहाँ फरियाद करे?
रोजगार पर बंदी छाई,
बेरोजगारी ले जम्हाई,
कोई कैसे करे कमाई,
देख रहें बैठे परछाई।
भूखा राह निहारें हर पल, जीवन ना बर्बाद करे।
जनता छाती पीट रही है, बोल कहाँ फरियाद करे?
सब्जबाग में खुशियाँ छाई,
बैठे सोंचो रोज भलाई,
तेरा जीवन है सुखदाई,
दूरदर्शन पर पड़ो दिखाई।
आभासी होता नित दौरा, दु:ख से हमें आजाद करे।
जनता छाती पीट रही है, बोल कहाँ फरियाद करे?
= अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद