जमाना बदल गया प्यारे = शिप्रा सैनी
May 30, 2021, 00:50 IST
मतलब है अपना, तो मिट्टी भी सोना।
बड़ा स्वार्थी बनता, अब ये नया जमाना।
देने से ज्यादा, लेने में रहते हैं सारे।
जमाना बदल गया प्यारे।
बड़ा जताए अपना हक,छोटा कहे मैं हूँ धारक।
होते हैं घर-घर में, आए दिन झगड़े ये नाहक ।
हक के चक्कर में ,सारे रिश्तों को मारे।
जमाना बदल गया प्यारे।
करे न पूजा पाठ , व्यर्थ करता रहे विवाद।
धर्म के दिखावे में ,बस करता रहे फसाद ।
असली श्रद्धा को तरसे ,ये मंदिर ,गुरुद्वारे ।
जमाना बदल गया प्यारे ।
जनकल्याण की लेकर ओट, नेता हैं कमाते नोट।
देश की चिंता कौन करे, सबके मन में है खोट।
अमीर हो जाए अमीर ,गरीब रह जाते बेचारे।
जमाना बदल गया प्यारे।
= शिप्रा सैनी (मौर्या) , जमशेदपुर