सफलता = ममता जोशी 

 

मन में रख तू एक आस्था,

अपने पर रख तू विश्वास

सफलता एक दिन जरूर मिलेगी,

अपने में रख तू ये आस ।।

तू सौ बार गिरेगा,

मन उदास कर

बस एक ही उद्देश्य रख,

उडान चाहे कितनी भी भर ।।

गिराने वाले कम नहीं होंगे,

सफलता उसे  मिलती है

जो गिर के उठता ,उठकर गिरता,

और जो गिर कर सम्भलता है ।।

जो गिरकर उठ सखे ,

कायर होकर भाग जाये

किसी के काम आये ,

सफलता उससे दूर भागे ।।

जिन्दगी बहुत खुबसूरत भी हैं,

और कांटो की राह भी है

जिसने दोनो पर चलना सिखा ,

सफलता ने उसके घर का रास्ता देखा ।।

= ममता जोशी, प्रताप नगर

टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड