सादगी - जया भराड़े बड़ोदकर 

 

गहना है प्यारा
मन में छुपा खजाना सा,
कभी कभी बाहर की
दुनिया से बेखबर,
अनछुआ सा
सभी के हृदय को
छू जाने वाला था,
अमृत के संग मे
प्रेम के रंग मे,
कही भी रहे यह
लगे सबको अपना सा। 
- जया भराडे बडोदकर, न्यू मुंबई (महाराष्ट्र)