जय-जय मारुति नन्दन = कलिका प्रसाद 

 

हे  प्रभु तुम्हीं  दया निधान हो,
सकल गुणों की तुम खान हो,
तेज तपस्वी महावीर तुम
जय -जय मारुति नन्दन।

घर -घर  पूजे जाते हो प्रभु,
विद्या विनय सिद्धि दायक,
रुद्र  अशं हनुमन्त महान, 
जय -जय मारुति नन्दन।

अरुण रंग और तरुण अंग,
अंजनी सुत अभिनन्दन है,
हर पल राम भक्ति में डूबे हो,
जय -जय  मारुति नन्दन।

कष्ट निवारक करुणा  नायक,
भक्तों  की सुनते हो तुम पुकार,
ज्ञान ध्यान के योगी हनुमन्ता,
जय -जय मारुति नन्दन।

चरण शरण तुम्हारे आया हूँ,
संकट को हर लो श्री हनुमान,
हाथ जोड़ कर करता हूँ विनती,
जय- जय मारुति नन्दन।

अंजनी सुत हम शरण  तुम्हारे,
तुम्हें कोटि -कोटि  वन्दन,  
बल बुद्धि विद्या के दाता,
जय-जय मारुति नन्दन।
= कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार, रुद्रप्रयाग   उत्तराखंड