कुंडलीयाँ = रूबी गुप्ता
May 23, 2021, 23:15 IST
अमिया की डाली लगीं,
बौर फरवरी माह।
जल्दी से अमिया बनें,
थी खाने की चाह।
थी खाने की चाह,
दिवस अब आन पड़ा है।
फल से लद कर पेड़,
बाग में झुका खड़ा है।
सुन रूबी की बात,
दान से ना हो कमियाँ।
कितना सरल स्वभाव,
प्रदर्शित करती अमिया।
= रूबी गुप्ता, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश