हिंदी से प्रीति रखिए - शिप्रा सैनी

 

हिंदी गौरवशाली है , हिंदी अपनी है सशक्त।

समझ सरलता से आए, सुगम करे यह भाव व्यक्त।

रहो किसी भी कोने में, हो कोई तेरा अंचल,

प्रेम करे जो हिंदी से, वही परम है देशभक्त।

इसका सरल है व्याकरण , हैं समाहित शब्द सुंदर।

देवनागरी लिपि इसकी , ज्ञान का है यह समुंदर।

पढ़ें प्रेमचंद-कथाएँ ,या रचनाएँ दिनकर की,

सरस लगें यह अपनी-सी, बस जाती मन के अंदर।

बोलें जब भी भाषा यह, गर्व की अनुभूति रखिए।

अपनी मां के जैसे ही ,हिंद से भी प्रीति रखिए।

चर्च हो या हो मंदिर, या कहीं दरगाह हो,

मातृभाषा देशभर में, बोलने की रीति रखिए।

हम सभी को जोड़ती यह, देश की भाषा ये सोच।

सीखिए और जानिए , बोलिए इसे निसंकोच ।

है कड़ी यह जोड़ती जो, सभ्यता और संस्कृति से,

आधुनिक हिंदी नहीं है, छोड़िए यह निम्न सोच।

- शिप्रा सैनी (मौर्या), जमशेदपुर