भारत - जया भराड़े बड़ोदकर
एक सूत्र में बंधे सभी
मेरे देशवासी ये,
समय-समय पर त्यौहार आते हैं
अवसर बहुत लाते हैं,
जीवन प्रेम की माला में
पिरोये सभी जाते है,
क्या गणपति क्या ईद
सब मन से जुड़ जाते है,
जात-पात का है नही
यहाँ संगम है प्यार का,
एक से बढ़ कर एक है
श्रेष्ठ सदभाव सुख शांती का,
प्रमाण एक भारत ही है,
अनेकता मे है जो एकता
अखंड रहे सर्वदा,
दुनिया में है भारत ही एक
संदेश देता सर्व धर्म का ,
प्रतिकशुद्ध प्रेम शांति का.
जहाँ में है नही कही
जो भारत में है वो.
सबसे बड़ा धर्म है
वो है भारतीयता।
अभिमान है मुझे
आज मेरे भारत देश का.
ये है मेरी माटी मेरी
माँ समान है,
असमान है जहाँ
पिता का एक छत्र धाम है,
प्रकृति भी है जहाँ
देती प्रेम एक बड़ा प्राण है,
क्या कहूं महिमां इसकी
भारत ही है नाम एक,
फूल सुंदर भाईचारे का
रंग बिरंगे यहाँ स्वरूप,
जिंदा दिलों मे बसे
एक रंग का खून ,
स्वप्न में देखू सदा
एक फूल बनू मै शहीद का,
- जया भराडे बडोदकर,नवी मुंबई (महाराष्ट्र)