दीप बने नजराना - अनिरुद्ध कुमार
Nov 4, 2021, 23:08 IST
दीपावली दिल से मनाना,
इक दूजे को गले लगाना।
प्रेम समाहित हो दीवाली,
जगमग दीप बने नजराना।
आशाओं का दीप जलाना,
जीवन गाये गीत सुहाना।
प्रेम सबों के हृदय समाये,
भाईचारा पर इठलाना।
स्वागत में रंगीन रंगोली,
हर सूरत में नेह जगाना।
दीपशिखा झूमे इतराये,
चमके दमके कोना कोना।
भटक न जाये कोई राही,
अंधेरा को सदा मिटाना।
आलोकित हो जीवन दर्शन,
दीपशिखा बन राह दिखाना।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड