खरी खरी- जया भराडे बडोदकर

 

ना आना ना जाना,

फिर भी कही

जाने का ये दिल ढूंढे बहाना

दाल में है पानी,

दूध में है पानी,

सांभर मे भी है पानी,

हाय रे गरीब की बस यही है कहानी

ना कहना ना सुनाना,

ना कभी कहीं तुम उलझना,

बस यही है रीत दुनिया की,

मुश्किल है इसको समझना

- जया भराडे बडोदकर

नवी मुंबई। महाराष्ट्र