लेखक का मन क्या कहता है - सुनील गुप्ता

 

 ( 1 )" लेखक ", लेखक

का मन,

बहुत कुछ कहना चाहे  !

और चले सुनाए, जीवन प्रसंगों को ...,

सतत मन-उद्गारों को बहाता जाए !!

( 2 )" का ", कामयाब

लेखक सभी को,

सदैव प्रभावित करते चलें  !

और सत्य को करते उद्घाटित यहाँ पे...,

सत्य पथ की ओर साथ लेकर चलें  !!

( 3 )" मन ", मन

से लेखक,

संवेदनशील और भावुक होएं  !

और चलें विचारों को उतारते धरातल पे..,

तब तक वह कहाँ चैन की सांस ले पाएं !!

( 4 )" क्या कहता है ",

लेखक को है, जान लेना जरूरी,

क्योंकि, वह समाज का एक दर्पण होए  !

और समाज को बुराइयों.से बचाकर...,

विकास की ओर तेजी से बढ़ाके ले जाए !!

- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान