गर समझ लो - सुनीता मिश्रा
Oct 21, 2023, 23:26 IST
एक एहसास
एक कसक
इक दर्द
एक दवा
एक नशा
इक दुआ
एक नगमा
एक धुन
एक नीरव
खामोशी
एक कोलाहल
धडकनो मे
सोच मे
आंखों मे
भावों मे चेहरे के
हर घडी
हर पल
हर कहीं
यह प्यार ही तो है
गर समझ लो
तुम इसे तो
तुम्हारी हूँ वरना
मेरी भी नही
मैं.....
.✍️सुनीता मिश्रा, जमशेदपुर