कालरात्रि माता की महिमा और महत्व - सुनील गुप्ता

 

 ( 1 ) कालरात्रि

     माता शुभंकरी,

     करे शुभ सबका, सदैव अच्छा  !

     आओ,चलें माता के इस रूप को निहारते..,

     और जगाए चलें सौभाग्य यहाँ अपना !!

( 2 ) धुमोरना

   माता भगवती,

   है नवरात्रि की सातवीं शक्ति यहाँ पे !

   आओ, करें मां काली की आराधना दिल से.,

   और नित अतल गहराईयों से चलें पूजते !!

( 3 ) कल्याणकारी

   माता महायोगिनी,

   चले मां दुर्गा, रौद्र रूप दिखलाए  !

   आओ, करें माता की पूजा अर्चना वंदना...,

   माँ हमें बुरी शक्तियाँ, काल से चले बचाए!!

( 4 ) महायोगीश्वरी

माता अति शक्तिशाली,

भक्तों को बचाए, अकाल मृत्यु भय से  !

और करें मां कालरात्रि वाहन, गर्दभ की सवारी,

चले पृथ्वीलोक का विचरण करती यहाँ पे!!

( 5 ) कालरात्रि

दुर्गा माता ने,

किया वध, दैत्य रक्तबीज का यहाँ पे  !

और रक्त को गिरने से पहले ही मुख में भरके.,

चलीं बचाती माँ धरती को अपवित्र होने से !!

( 6 ) माता को

 कृष्णकमल फूल चढ़ाएं,

 और पहनें नीले रंग के वस्त्र सुंदर  !

 नित करते चलें अभिष्ट मंत्रों से माँ को पूजते.,

 और चलें मनोकामनाएं पूर्ण करते यहाँ पर!!

( 7 ) कालरात्रि

  माता को चढ़ाएं,

  भोग प्रशादी अतिप्रिय, गुड़ का  !

  और करें तन-मन से सातवें दिवस का पूजन.,

  चलें दर्शन करते, दिव्य मनोहारी माता का!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान