सरस्वती वंदना — प्रियंका 'सौरभ'

 

माँ वीणा वादिनी मधुर स्वर दो,

हर जिह्वा वैभवयुक्त कर दो।

मन सारे स्नेहमय हो जाए,

ऐसे गुणों का अमृत भर दो॥

माँ वीणा की झंकार भर दो,

जीवन में नवल संचार कर दो।

हर डाली खुशबुमय हो जाए,

ऐसे सब गुलजार कर दो॥

अंतस तम को दूर कर दो,

अंधकार को नूर कर दो।

मन से मन का हो मिलन,

भेद सारे चूर कर दो॥

गान कर माँ रागिनी का,

भान कर माँ वादिनी का।

पूरी हो सब कामनाएँ,

दो सुर माँ रागिनी का॥

—प्रियंका 'सौरभ', उब्बा भवन, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा)-127045