संसार न आया - अनिरुद्ध कुमार
Apr 23, 2024, 22:57 IST
दिल को चैन करार न आया,
राह निहारूँ यार न आया।
ख्यालों में जो रहता हर पल,
जाने क्यों दिलदार न आया।
जीना दूभर बिन साथी के,
मेरा खैरोख्वार न आया।
ना जाने क्यों भूला काहे,
बेरहमी को प्यार न आया।
तूफानों में मुश्किल जीना,
रूप जवानी धार न आया।
सूनी सूनी लगती दुनिया,
जीवन का श्रृंगार न आया।
बिन उसके जीये 'अनि' कैसे,
खुशियों का संसार न आया
- अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड