मावस के मुस्काते आंगन में - राजू उपाध्याय
Nov 11, 2023, 22:31 IST
मावस के
मुस्काते आंगन में,
अबके तुम
जलता दीया
संभाले रखना..!
खिलखिलाती
रौशन किरनों पर,
तुम अपने हाथों
की छांव बनाए
रखना..!
हिल डुल
कर बुझ न पाएं
कोई लौ दीये की
आंधियों के
वेग से,,
बद-मिजाज
हवाओं के रुख
पर तुम,
थोड़ी सी नजर
जमाए रखना..!
- राजू उपाध्याय, एटा , उत्तर प्रदेश