हमारे राम - सुनील गुप्ता

 

हमारे राम, सबके राम

बनें सभी के प्रिय सियाराम  !

जपें नित्य राम, सुबह शाम.....,

कहें राम-राम, बोलें श्रीराम !!1!!

निर्बल के बलराम, जय श्रीराम

दुःख में हे राम, सुख में हैं राम  !

आनंद में राम, प्रेम में राम.......,

हुआ राममय ये पूरा ही धाम  !!2!!

तन में राम, बसे मन राम 

बनें साक्षी हर काम में राम   !

दिखें चहुँओर राम ही राम.....,

है आराम वहां, जहां हैं श्रीराम !!3!!

मन नयनों में बसे हैं श्रीराम

बनें हैं सबके नयनाभिराम   !

चहुँ ओर बरस रही राम कृपाएं.....,

जपते चलो अविराम सियाराम !!4!!

राम हैं पूर्ण, शाश्वत हैं राम

रोम रोम में बसे हैं श्रीराम    !

हैं राम वहां, जहां श्रीहनुमान.....,

सदा भजते चलें राम का नाम !!5!!

एक आयाराम, एक गयाराम

भजले प्यारे श्रीराम का नाम   !

बसे शहर-शहर, हरेक ग्राम.....,

श्रीराम के सेवक श्रीहनुमान  !!6!!

श्रीराम का नाम, पूरी एक माला

जपें, पाएं एक सौ आठ परिणाम  !

हर घर बन आए अयोध्या नगरी.....,

जहां करें बन हनुमान सेवा के काम !!7!!

जीवन में राम, अवसान में राम

बसे है तन मन में आत्माराम   !

है राम नाम एक परम सत्य.......,

यही जीवन का अकाट्य अभिराम !!8!!

भज ले प्यारे जय सियाराम

रघुपति राघव राजा राम    !

हर घर-घर गाएं जय श्रीराम......,

पतित पावन सीताराम   !!9!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान