नवरात्रि ले संकल्प - राखी उपासना कौशिक

 

नवरात्रि में ढूंढे वो कन्या वैसे बेटी को मारे,

ऐसे लोगो को तो हम समझा समझा कर हारे।

लड़की देखी जहाँ अकेली बन जाते हैवान है,

कुछ तो उसकी रक्षा करते कुछ होते शैतान है।

रक्षा करना धर्म है सबका उसको अपना मान लो,

बेटी तुम्हारे घर मे भी है सबको अपना जान लो।

आज खड़े जब तुम होंगे कल कोई साथ निभाएगा,

जब संकट तेरी बेटी पर हो हर कोई उसे बचाएगा।

नवदुर्गा का रूप है सारी नवरात्रि में मान लो,

बेटी बचाएंगे हम सबकी बेटी को सम्मान दो।

कन्या पूजन करने से पहले संकल्प सभी ये है लेना,

अब किसी के घर की बेटी को न पड़े कभी भी रोना।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सुरक्षा उसे सीखा देगा,

बेटी बेटो से क्या कम है लोगो को ये दिखा देना।

खुद की रक्षा वो कर पाए सक्षम उसे बना देना,

मार गिराए हर पापी को अपना बदला है लेना।

राखी उपासना कौशिक, धामपुर, बिजनौर, उत्तर प्रदेश