पैगाम - मीना तिवारी
Aug 29, 2024, 23:21 IST
गर जाना बृंदाबन
मित्रो मेरा पैगाम ले जाना,
ये कहना
मुरली वाले से
हैँ तुमको लौट के आना।
नहीं तुमसा हैँ कोई यहां
मत पूछो ओ मेरे भगवन
यहाँ का हाल
बतलाना।
विवश मे हैँ अबलाए
उन्हें तुम कब
छुड़ाओगे,
जो पूछे हाल इस जग का
तो दर्द सारे बतला देना.
वो आंसू, चीख
तड़फ बिटिया क़ी
वो जज्बात सारे बतला देना,
बहा कर दर्द के
आंसू
सारी पहचान दिखला देना,
कोई जाना जो वृंदावन ये सारा हाल
बता देना
और कहना ओ मेरे मोहन
लौट आ आओ तुम फिर से
तेरे बिन सब अधूरा हैँ।
निहारे रास्ता तेरा
द्रौपदी को तेरा सहारा हैँ......
- मीना तिवारी, पुणे, महराष्ट्र