महावीर - सुनील गुप्ता
( 1 )" म ", महावीर बनें
रहें शुद्ध सात्विकता संग
और कभी ना अहम् धारण करें !
हम चलते रहें सत्यमार्ग पे निरंतर...,
और व्यर्थ चिंताएं कभी यहाँ ना करें !!
( 2 )" हा ", हारें ना
कभी अपने जीवन से
और सत्य की खोज में लगे रहें !
स्वयं से स्वयं को चलें यहाँ पे जानते...,
और प्रेम दया करुणा हमेशा बरसाते रहें !!
( 3 )" वी ", वीर वही
जो करे ना अहिंसा
और सत्यव्रत जीवन में धारण करे !
चले करता प्रत्याहार धारणा ध्यान साधना.,
और अपरिग्रह अस्तेय का सदा पालन करे !!
( 4 )" र ", रमें नहीं
भौतिक पदार्थ जगत में
और सरल विरल जीवन जीते चलें !
बनें रहें हरेक हाल में यहाँ पे ख़ुशहाल..,
और राग द्वेष से दूरी बनाकर चलें !!
( 5 )" महावीर ", महावीर जी
के सत्य मार्ग पे चलते
सदैव धर्म का आचरण करते रहें !
मात्र पीटें ना उनकी परिपाटी को यहाँ पे,
और जीवन चारित्रय बल को बढ़ाते रहें !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान